आज ही के दिन संविधान सभा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया था। बच्चों के साथ-साथ युवाओं के बीच भी लोकप्रिय रही हैरी पाटर सीरीज की सातवीं एवं आखिरी किताब भी आज ही के दिन प्रकाशित हुई थी।
वैसे तो हर दिन खास होता है, लेकिन कुछ दिन इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो जाते हैं। ऐसे ही आज का दिन यानि 21 जुलाई भी इतिहास के पन्नों में दर्ज है। आज ही के दिन संविधान सभा ने भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को अंगीकार किया था। वहीं, महान गीतकार आनंद बख्शी का जन्म 1930 में आज ही के दिन रावलपिंडी में हुआ था। बच्चों के साथ-साथ युवाओं के बीच भी लोकप्रिय रही हैरी पाटर सीरीज की सातवीं एवं आखिरी किताब भी आज ही के दिन प्रकाशित हुई थी।पहली बार पोत लांच पैड से जेट एयरक्राफ्ट ने भरी थी उड़ान
1946 में आज ही पहली बार पोत पर बने लांच पैड से जेट एयरक्राफ्ट ने उड़ान भरी थी। लेफ्टिनेंट कमांडर जेम्स डेविडसन ने उस जेट की सफल लैंडिंग एवं टेक आफ की जिम्मेदारी संभाली थी। अमेरिका के पोत यूएसएस फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट के प्लेटफार्म से एयरक्राफ्ट को उड़ाया गया था। हैरी पाटर सीरीज की सातवीं और अंतिम किताब 2007 में आज ही प्रकाशित हुई थी। इसका नाम हैरी पाटर एंड द डेडली हालोज था। जेके रोलिंग की लिखी इस सीरीज को दुनिया की सर्वाधिक बिकने वाली सीरीज में माना जाता है। इसकी हर किताब पर फिल्म भी बनाई गई है।
जन्मतिथि
गुजरात के पूर्व सीएम शंकर सिंह वघेला (1940)
पहलवान और टीवी कलाकार संग्राम सिंह (1985)
फुटबाल खिलाड़ी संदेश झिंगन (1993)
क्रिकेटर चंदू बोर्डे (1934
पुण्यतिथि
शास्त्रीय गायिका गंगूबाई हंगल (2009)
जीने की राह दिखाते हैं आनंद बख्शी के गीतों के बोल
अपने गीतों से जीवन की गहराइयां समझा देने वाले महान गीतकार आनंद बख्शी का जन्म 1930 में आज ही रावलपिंडी में हुआ था। कुछ साल सेना में रहने के बाद 1957 में सिनेमा की दुनिया में कदम रखा। हिंदी सिनेमा के लिए चार हजार से ज्यादा गीत लिखे। आराधना फिल्म का ‘मेरे सपनों की रानी’ उनका लिखा गीत ही है, जिसने राजेश खन्ना को खास पहचान दिलाई। ‘कोरा कागज था’, ‘सावन का महीना’ और ‘आदमी मुसाफिर है’ जैसे गानों को आज भी लोगों को गुनगुनाते सुना जा सकता है।
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