एचएफएमडी की बीमारी राज्य के जिलों में पैर पसारने लगी है। निजी डाक्टरों के पास इस बीमारी के लक्षणों वाले बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे है। सिविल सर्जन जांलधर डा. रमन शर्मा कहते हैं कि ज्यादातर पांच साल के बच्चे वायरल बीमारी की चपेट में आ रहे है।
हैंड, फुट और माउथ डिजीज (एचएफएमडी) की बीमारी राज्य के जिलों में पैर पसारने लगी है। लोग इसे मंकीपाक्स समझ कर काफी दहशत में है। सेहत विभाग ने काफी हल्की बीमारी करार दिया है। दिल्ली, चंडीगढ़ के बाद मोहाली के कुछ स्कूलों में मामले सामने आने के बाद सेहत विभाग सतर्क हो गया है। वहीं निजी डाक्टरों के पास इस बीमारी के लक्षणों वाले बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे है। सेहत विभाग ने स्कूलों में स्टाफ को अलर्ट किया है।सिविल सर्जन जांलधर डा. रमन शर्मा कहते हैं कि ज्यादातर पांच साल के बच्चे वायरल बीमारी की चपेट में आ रहे है। फिलहाल इसकी लैब टेस्टों में पुष्टि नहीं हुई है। खासकर 5 साल से छोटे बच्चों में यह बीमारी देखी जा रही है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है। फिलहाल कोरोना से बचाव की जरूरत है। बीमारी से बचाव के लिए निजी व सरकारी स्कूलों को अलर्ट किया गया है। इन लक्षणों वाले मामले सामने आने पर सेहत विभाग को सूचित करने की हिदायतें दी है।
सात से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं: डा. भारत
पैथोलाजिस्ट डा. भारत भूषण कहते हैं कि मुंह, हाथ व पैर में छोटे छोटे हल्के लाल लाल दाने बन जाते हैं। 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाते हैं। मंकीपाक्स में बड़े-बड़े पानी से भरे दाने होते हैं, इसमें ऐसा कुछ नहीं है। वायरल बीमारी है बचाव से ही इसे रोका जा सकता है।
जानिए कैसे फैलती ही बीमारी
यह कोक्ससैकीय वायरस ए 16 नामक वायरस की वजह से होती है। यह सांस के जरिए फैलती है। संक्रमित मरीज के करीब जाने, उसके ड्रापलेट्स, उसके इस्तेमाल की गई चीजों के संपर्क में आने से हो सकती है। इसमें भी आपसी दूरी बनाना जरूरी है। बीमारी हाथ, पैर व मुंह में अल्सर कर देती है।
एचएफएमडी और मंकीपाक्स में काफी अंतर : डा. रमन गुप्ता
जिला परिवार कल्याण अधिकारी डा. रमन गुप्ता कहते है कि एचएफएमडी और मंकीपाक्स में काफी अंतर है। उससे काफी अलग है। फीवर और चमड़ी पर छाले दोनों में होते हैं। मंकीपाक्स में दानेदार स्किन रैशेज होते हैं। दाने चेहरे पर होते हैं, हाथ-पैर, शरीर में हर जगह होते हैं। एचएफएमडी केवल हाथ-पांव और मुंह के अंदर होती है और वहीं पर छाले बनते हैं। यह बीमारी 7 से 10 दिनों में ठीक हो जाती है और वहीं मंकीपाक्स में 3 से 4 सप्ताह में ठीक होता है। लक्षण बुखार, गले में दर्द होना, बच्चा चिड़चिड़ा होना, हाथ-पैर व मुंह में छाले नुमा दाने बनना।
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