तक बिहार, यूपी समेत नौ राज्यों में होगा सबसे ज्यादा यूथ; लेकिन देश में घटेंगे युवा, बढ़ेंगे बुजुर्ग Youth In India 2022 रिपोर्ट के मुताबिक 2036 तक बिहार यूपी झारखंड में युवा आबादी सबसे ज्यादा रहने का अनुमान है। वहीं दक्षिण के राज्यों तमिलनाडु और केरल समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में युवाओं की आबादी सबसे कम रह सकती है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश की सूची से बाहर हो सकता है। वर्ष 2021 से इसकी शुरूआत हो चुकी है। देश की युवा आबादी तेजी से घट रही है और इसके मुकाबले बुजुर्गों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्र सरकार ने हाल में ‘भारत में युवा 2022’ (Youth In India 2022) रिपोर्ट जारी की है। इसमें वर्ष 2036 तक देश की आबादी का अनुमान लगाया गया है।
रिपोर्ट में 2036 में भारत की युवा आबादी 22.7 फीसद आंकी गई है।नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। भारत अगले कुछ वर्षों में दुनिया की सबसे ज्यादा युवा आबादी वाले देश की सूची से बाहर हो सकता है। वर्ष 2021 से इसकी शुरूआत हो चुकी है। देश की युवा आबादी तेजी से घट रही है और इसके मुकाबले बुजुर्गों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। केंद्र सरकार ने हाल में ‘भारत में युवा 2022’ (Youth In India 2022) रिपोर्ट जारी की है। इसमें वर्ष 2036 तक देश की आबादी का अनुमान लगाया गया है। रिपोर्ट में 2036 में भारत की युवा आबादी 22.7 फीसद आंकी गई है।केंद्र की रिपोर्ट में वर्ष 2036 तक जिन राज्यों में राष्ट्रीय औसत से कम युवा आबादी का अनुमान लगाया गया है, उसमें सबसे कम 19.1 फीसद युवा आबादी के साथ तमिलनाडु सबसे पीछे है। इसके बाद केरल में 19.2 फीसद, हिमाचल में 19.5 फीसद, पश्चिम बंगाल व आंध्र प्रदेश में 19.6 प्रतिशत, पंजाब में 19.9 प्रतिशत, तेलंगाना में 20.2 फीसद, कर्नाटक में 20.8 फीसद, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर में 21 फीसद, ओडिशा में 21.2 फीसद, उत्तराखंड में 21.9 प्रतिशत और गुजरात में 22.6 फीसद युवा आबादी का अनुमान लगाया गया है।
उत्तर-पूर्व में असम को छोड़ शेष राज्यों में कुल युवा आबादी 20.7 फीसद होने का अनुमान लगाया गया है।रिपोर्ट में युवा आबादी कम होने की वजहों का भी अनुमान लगाया गया है। इसके अनुसार युवा आबादी में आने वाली कमी की मुख्य वजह जन्मदर में होने वाली कमी है। वहीं बुजर्ग आबादी में होने वाले इजाफे की मुख्य वजह जीवन प्रत्याशा मतलब औसत आयु में बढ़ोत्तरी को बताया गया है।बुजुर्ग आबादी के बढ़ने से निर्भर आबादी का अनुपात बढ़ेगा, इसका सीधा असर मध्य आयु वर्ग की आबादी पर पड़ेगा। साथ ही देश की स्वास्थ्य सुविधाओं पर दबाव बढ़ेगा।
इसके लिए हेल्थ केयर सेक्टर और बुजुर्गों से जुड़ी कल्याणकारी योजनाओं पर सरकार को ज्यादा ध्यान देना होगा। रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि युवा आबादी का प्रतिशत कम होने और बुजुर्गों का प्रतिशत बढ़ने से देश के विकास और उत्पादन शक्ति पर किसी तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद कम है। ऐसा इसलिए क्योंकि वर्ष 2036 तक युवा आबादी की हिस्सेदारी कम होने के बावजूद देश में उनकी संख्या 34.5 करोड़ से ज्यादा रहने का अनुमान है। वहीं वर्ष 2036 में मध्य आयु वर्ग (30 से 59 वर्ष) की आबादी 42.2 फीसद रहने का अनुमान है, जो अब तक की सबसे ज्यादा होगी
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