यह मंदिर बेहद प्राचीन है और बुंदेलखंड के वीर योद्धाओं आल्हा उदल की वीरता की कहानियों और उनके त्याग का गवाह है

तीन रूपों में हर दिन भक्तों को दर्शन देती हैं मां लहर

सुबह बाल अवस्था और दोपहर युवा अवस्था शाम वृद्ध अवस्था के रूप में प्रति दिन भक्तों के दर्शन देती हैं.

इस मंदिर के बारे में यह मान्यता है कि यहां भक्तों की सारी मुराद पूरी होती हैं.

इस मंदिर में स्थापित देवी माता दिन में तीन बार अपना रूप बदलती हैं.