शरीर के हर अंग की बनावट आपके जीवन के बारे में बहुत कुछ कहती है. ज्योतिष शास्त्र में शरीर के अंगों की बनावट, रूप-रंग आदि के हिसाब से जीवन के हर बात का अनुभव किया जाता है. उनके बारे में बताया जाता है. ऐसे में शरीर पर तिल होने का क्या मतलब है और किन अंगों पर तिल होना शुभ माना जाता है और किन पर अशुभ यह जानना हमारे लिए बेहद जरूरी है. क्योंकि हर किसी के शरीर पर कहीं ना कहीं तिल जरूर होता है. ऐसे में आपको बता दें कि आपके शरीर के हर अंग का किसी ना किसी ग्रह से नाता होता है.
ऐसे में शरीर के हर अंग पर जो भी गतिविधि होती है उसका असर आपकी कुंडली के ग्रहों पर होता है. ऐसे में आपको बता दें कि जिसके भी माथे की बाईं ओर तिल होता है वह अशुभ माना जाता है. क्योंकि माथे को राहु का केंद्र माना गया है या कह सकते हैं कि इसका संबंध राहु ग्रह से होता है. वहीं माथे पर दाईं ओर तिल हो तो राहु शुभ प्रभाव को दर्शाता है. किसी के होंठों पर या टोढ़ी पर तिल हो तो यह क्षेत्र बुध और शुक्र का क्षेत्र माना गया है.
ऐसे में होठों के ऊपर तिल क होना बुध या शुक्र के मजबूत होने को दर्शाता है. वहीं तिल होठों के नीचे टोढ़ी पर हो तो इसका मतलब साफ है कि यह अशुभ परिणाम देने वाला है. कंधे के ऊपर या कंधे के नीचे दोनों ही जगह तिल होना अशुभ माना जाता है. क्योंकि यह सूर्य के स्वामित्व का क्षेत्र है. ऐसे में इसका असर आपकी प्रगति, सफलता इन सभी पर देखने को मिलती है. हृदय पर बाईं ओर तिल हो तो ऐसे लोग भावुक होते हैं और उनको आसानी से छला या धोखा दिया जा सकता है.