एक भाई की मौत के बाद वजहों को लेकर लिखा गया यह पत्र पढ़ने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। सर्व विद्या की राजधानी बीएचयू में जो भी हो रहा था वह अमानवीय था और बाल आयोग को शिकायत के बाद भी कार्रवाई न होना समझ से परे है।
केंद्रीय विद्यालय बीएचयू वाराणसी के छात्र मयंक यादव द्वारा आत्महत्या करने का मामला अब और भी तूल पकड़ने लगा है। एक ओर जहां विद्यालय के छात्र आंदोलित होकर मंगलवार की सुबह से धरना प्रदर्शन कर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं वहीं अब मृत छात्र की बहन की ओर से पीएम नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की गई है। बहन भी केंद्रीय विद्यालय में दसवीं की छात्रा है और विद्यालय प्रशासन की ओर से किए गए दुर्व्यवहार को लेकर वह भी अपने भाई को न्याय दिलाने के पक्ष में मुखर है।
पीएम नरेन्द्र मोदी को भेजे पत्र में बहन ने लिखा है कि चार साल से प्रधानाचार्य दिवाकर सिंह ओर उप प्रधानाचार्य विनीता सिंह द्वारा छात्रों का उत्पीड़न और मारपीट लगातार किया जा रहा है। जिसकी लगातार शिकायत केंद्रीय बाल संरक्षण आयोग से की जा रही थी। शिक्षक ही नहीं बल्कि चपरासियों का रवैया भी छात्रों के प्रति हिटलर जैसा हो गया था। चार दिन पूर्व भी छह माह तक छात्रों को सस्पेंड करने की धमकी देने की बात भी पत्र में लिखी है। पत्र में यह भी लिखा है कि आरोपित शिक्षकों ने मयंक को 25-30 थप्पड़ मारने के साथ ही पिता को भी क्षमा मांगने पहुंचने पर बेइज्ज्त किया गया। अगर पूर्व में ही शिकायतों का संज्ञान लिया जाता तो आज मयंक जीवित होता।मंगलवार को मृत छात्र मयंक की बहन ने छात्रों की तरफ से प्रधानमंत्री को पत्र लिखा। पत्र में केंद्रीय विद्यालय में प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य के खिलाफ उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया है। मयंक की मौत का जिम्मेदार ठहराते हुए तत्काल पद मुक्त करते हुए मुकदमा लिखकर जेल भेजने की मांग की गई है। वहीं दूसरी ओर विद्यालय प्रबंधन के खिलाफ छात्रों का रोष सुबह से ही जारी रहा और पोस्टर बैनर के साथ सभी अपने सहपाठी की मौत को लेकर मुखर होकर प्रदर्शन करते रहे।
बहन की ओर से पीएम को लिखे पत्र में मांग की गई है कि
-प्रधानाचार्य और उप प्रधानाचार्य को तत्काल पदमुक्त किया जाए जिससे वो पद का दुरुपयोग न कर सकें
– प्रधानाचार्य एवं उप प्रधानाचार्य को जेल हो।
– छात्र मयंक को न्याय मिले
– प्रधानाचार्य समेत अन्य की भी मानसिक जांच हो।