बिहार की राजधानी पटना में गंगा तट पर देश के प्रथम राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची प्रतिमा लगेगी. यह प्रतिमा गुजरात में नर्मदा के किनारे बने सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा से भी ऊंची होगी. पटना नगर निगम इससे संबंधित प्रस्ताव सरकार को भेजेगा.
इधर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एनआरआई सेल के संयोजक और इंडिया पॉजिटिव के सचिव मनीष सिन्हा ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा लगाए जाने के निर्णय का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह मुहिम कई महीनों से चलाया जा रही थी. उन्होंने बताया कि पटना की मेयर सीता साहू की अध्यक्षता में नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति में इस प्रस्ताव को भेजने का निर्णय लिया था. इसके बाद प्रतिमा बनाने से संबंधित प्रस्ताव पास कर राज्य सरकार को भेज दिया गया है. अब राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है. जैसे ही राज्य सरकार प्रतिमा को लेकर अपनी मंजूरी देगी, इसे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
मनीष सिन्हा ने इस अभियान में शामिल सभी लोगों को धन्यवाद किया है. उन्होंने बताया कि दिल्ली, पटना, सिवान एवं विदेशों में अनगिनत कार्यक्रम संगठन ने काम किया. इस यात्रा में कई लोग जुड़े, साथ दिया, धीरे धीरे एक सामाजिक व राजनीतिक मुहिम का रूप लिया.
उन्होंने बताया कि सबसे पहले सांसद संजय जायसवाल ने कहा था कि भाजपा की सरकार आएगी तो प्रतिमा स्थापित की जाएगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने भी 2023 में बापू सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान 243 मीटर लम्बी मूर्ति के निर्माण करवाने का आश्वासन दिया था. मनीष सिन्हा ने कहा कि पटना में राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा का निर्माण ‘स्टैचू ऑफ यूनिटी’ की तर्ज पर होना चाहिए, जिसमें डिजिटल लाइब्रेरी, म्यूज़ियम व अन्य अत्याधुनिक सुविधाएं भी हो.