जाको राखे साईया, मार सके न कोये…, यह कहावत एक माह के बच्चे पर चरितार्थ हुई। छत पर धूप में सुलाये गए बच्चे को पिता ने गलती से कचरा समझकर छत से फेंक दिया। हालांकि, बच्चा बाल-बाल बच गया। फिलहाल बच्चे का इलाज चल रहा है। घटना सीतामढ़ी जिले के परसौनी प्रखंड मुख्यालय स्थित मांझी टोला की है। जानकारी के अनुसार, मंगलवार को मांझी टोला के गौतम मांझी की पत्नी चांदनी कुमारी ने धूप निकलने के बाद बच्चे को कंबल में लपेटकर छत पर सुला दिया। फिर वह नीचे काम करने चली गई। इसी दौरान छत पर गौतम मांझी ने गलती से कंबल को कचरा समझकर बच्चा समेत छत से नीचे फेंक दिया। नीचे गिरने के बाद बच्चा जोर-जोर से रोने लगा।
इसके बाद शोर-शराबा सुनकर आसपास के लोग जमा हो गये। वहां पहुंचे लोगों ने जमीन से बच्चे को उठाया तो उसे जीवित होने पर सभी के चेहरे खिल उठे। आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सीतामढ़ी शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। बच्चा अब खतरे से बाहर है। डॉक्टर के अनुसार, बच्चे को छत से गिरने के बाद चोट आयी है। इस घटना की चर्चा क्षेत्र में जोड़ों पर है।