कैंसर के इलाज में बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या है, जिसे ‘एलोपेसिया’ कहा जाता है. दरअसल, जब कैंसर के इलाज के दौरान केमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी का उपयोग होता है. ये दवाएं तेजी से विभाजित होने वाली कोशिकाओं को हमला करती हैं, जिससे बालों के झड़ने का कारण बनता है. इस प्रक्रिया में न केवल कैंसर के कोशिकाएं, बल्कि हमारे शरीर की अन्य विभाजित होने वाली कोशिकाएं भी प्रभावित होती हैं, जैसे कि बालों के रोम की कोशिकाएं.
डॉक्टर रवि शर्मा के अनुसार बता दें कि कैंसर के इलाज में केमोथेरिपी या रेडियोथेरेपी के कारण बाल झड़ते है. खासकर जब कैंसर सिर या गर्दन के आस-पास के क्षेत्र में हो. यह बालों का झड़ना अस्थायी होता है, लेकिन इसके बाद उनका पुनरुत्थान हो सकता है, जब बालों के रोम फिर से सक्रिय होते हैं. बालों के पुनरुत्थान में कुछ समय लगता है, इसलिए मरीजों को धैर्य रखने की आवश्यकता होती है. इस प्रक्रिया के बाद बालों का विकास लगभग 3 से 6 महीने बाद शुरू हो सकता है, लेकिन पूरा होने में एक साल या उससे अधिक का समय लग सकता है. इस दौरान उन्हें अपने सिर की त्वचा का खास ध्यान देना चाहिए.
कैंसर के मरीजों को अपने खुद का खास ध्यान देना चाहिए. वे निम्नलिखित बातों का ध्यान रख सकते हैं:
हर दिन संतुलित आहार खाएं.
पर्याप्त नींद लें.
नियमित व्यायाम करें.
योग और ध्यान से तनाव कम करें.
कोई भी काम करें, जो आपको प्रसन्नता देता है.
हमेशा अपने डॉक्टर की सलाह मानें.
दवाओं के साइड इफेक्ट से बचने के उपाय करें.
अपने खुद का खास ध्यान रखें.
हमेशा मुस्कुराएं.
अपने निकटतम और प्रियजनों का साथ लें, और जरूरत पड़ने पर मदद मांगें.