खरमास का समय प्रारंभ हो रहा है. इस साल 16 दिसबंर से शुरू होकर खरमास 15 जनवरी तक चलेगा. बता दें कि खरमास में सारे मांगलिक कार्यों को निषेध बताया गया है. हालांकि खरमास के दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्यों को करने की मनाही है. लेकिन इस दौरान भगवान हरि नारायण विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा से खूब लाभ मिलने वाला है. ऐसे में 15 जनवरी को खरमास के समाप्त होने के बाद ही मांगलिक कार्य प्रारंभ होगा.
बता दें कि सूर्य के धनु राशि में प्रवेश करने के साथ ही खरमास शुरू हो जाता है और जैसे ही सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे तो खरमास समाप्त हो जाएगा. सूर्य इसी दौरान दक्षिणायन भी हो जाते हैं जिसकी वजह से ऊष्मा बढ़ने लगती है. खरमास का महीना पूजा-पाठ के लिए बेहद शुभ माना जाता है. इस खरमास के महीने में सत्यनारायण की कथा का विधान बताया गया है. ऐसे में गृहस्थ लोगों को इस महीने में सत्यनारायण की कथा अनिवार्य रूप से करवाना चाहिए.
इस महीने में नियमित रूप से तुलसी के पौधे में भी जल अर्पित करना चाहिए. वहीं इस पूरे महीने सूर्य देव को जल में लाल फूल, लाल कुमकुम और मिश्री या गुड़ डालकर अर्घ्य देने से स समस्त ग्रहों के दोषों से मुक्ति मिलती है. हालांकि खरमास के महीने में शादी-विवाह. उपनयन, मुंडन, गृह प्रवेश, नामकरण संस्कार सहित किसी भी तरह के शुभ मांगलिक कार्य के साथ ही जमीन, घर, संपत्ति खरीदने पर पूरी तरह से पाबंदी रहती है. वहीं इस पूरे महीने लोगों को मांसाहार के संवन से बचना चाहिए और शराब के संवन से अपने को दूर रखना चाहिए.