माँ भद्रकाली मंदिर पुजारी ज्योतिषाचार्य संदीप शर्मा बताते हैं कि 28 अक्टूबर दिन शनिवार को शारद पूर्णिमा पर इस बार चंद्रग्रहण रात्रि 01:05 से रात्रि 02:23 तक रहेगा यह चंद्रग्रहण पूर्णरूप से भारत में दृश्य होगा। ज्योतिष की माने तो सूर्यग्रहण के 4 पहर यानी 12 घंटे पूर्व व चंद्रग्रहण के 3 पहर यानी 9 घंटे पूर्व सूतक लगता है इस चंद्रग्रहण में संध्या 04:05 से सूतक लगेगा सूतक में क्या करें क्या न करें:—सूतक काल मे मंदिर की कपाट बंद होनी चाहिए वहीं मूर्ति स्पर्श की भी मनाही है रोगी को छोड़कर खाना-पीना, सोना, नाखून काटना, भोजन बनाना, तेल लगाना आदि कार्य भी इस समय वर्जित हैं। खाने योग्य वस्तु में कुशा रखने से वह भोजन ग्रहण बाद कर सकते हैं
गर्भवती महिला रहें सावधान:—चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर पर ही रहें, क्योंकि ग्रहण का दुष्प्रभाव मां के साथ-साथ होने वाले बच्चे पर पड़ता है। गर्भवती महिलाएं चंद्र ग्रहण के समय चंद्रमा बिल्कुल भी न देखें। इससे आंखों के साथ-साथ सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के समय वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा अधिक होती है। इस कारण कुछ खाने-पीने की मनाही होती है। ऐसे में चंद्र ग्रहण के दौरान खाने के बजाय फलों, जूस आदि का सेवन कर सकते हैं। गर्भवती महिलाओं को चंद्र ग्रहण के समय नुकीली चीजें, कैंची, सुई, चाकू आदि का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
इससे होने वाले बच्चों के शारीरिक समस्या का सामना करना पड़ता है।चंद्र ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाओं को पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। इससे मां के साथ होने वाले बच्चे के ऊपर से ग्रहण दोष समाप्त हो जाता है। चंद्र ग्रहण के बाद गर्भवती महिलाएं दान अवश्य दें। साल का आखिरी चंद्र ग्रहण रात के समय लग रहा है। इसलिए सुबह स्नान आदि करने के बाद गर्भवती महिलाओं दान अवश्य दें। तथा ग्रहण काल मे अपने पेट मे गोबर का लेप अवश्य लगाकर रखें।
रात्रि 02:23 के बाद खीर रखें खुले आसमान में:—शरद पूर्णिमा को माना जाता है कि इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और इस दिन चंद्रमा अमृत की बरसात करता है. इस दिन, चंद्रमा की रौशनी में रखी जाने वाली खीर को परंपरागत तरीके से बनाकर चंद्रमा के आगे रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है. इस मौके पर, खीर को एक प्रसाद के रूप में भी ग्रहण करने की प्रथा है, ऐसा माना जाता है कि यह आरोग्य को बढ़ावा देता है और चंद्रमा के प्रतिकूल प्रभाव से मुक्ति प्रदान करता है. हालांकि, इस बार शरद पूर्णिमा के साथ चंद्र ग्रहण भी होने वाला है, जिससे दुविधा की स्थिति पैदा हो रही है इसके लिए रात्रि 02:23 के बाद खीर बनाकर खुले आसमान में रखें और सुबह स्नान कर खाली पेट प्रसाद रूपी सेवन करें इससे रोगप्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होता है।
साधक के लिए यह दिन उत्तम:—आज किया हुवा पाठ जप तुरन्त प्रभवित करता है इस किसी न किसी मन्त्र का जप व पाठ आवश्य ही करना चाहिए जिसकी जैसी कामना अवश्य पुर्ण होता है।
राशियों के अनुसार चंद्रग्रहण का प्रभाव:—मेष:—घात,वृष:—हानि,मिथुन:—लाभ,कर्क:—सुख,सिंह:—मान हानि,कन्या:—मृत्यु तुल्य कष्ट,तुला,:—स्त्री पीड़ा,वृश्चिक:—सौख्य,धनु:—चिंता,मकर:—व्यथा,कुंभ:—श्रीः,मीन:—क्षती।
आलेख:—
ज्योतिषविद् आचार्य नारायण जी
(वास्तु, कर्मकाण्ड व कुंडली परामर्श
सम्पर्क सूत्र-8340427637