अंकज्योतिष के अनुसार, किसी व्यक्ति के बर्थ डेट की मदद से उसके गुण और व्यवहार के बारे में कई बातों का अनुमान लगाया जा सकता है। जिस तरह हर नाम के अनुसार राशि होती है उसी तरह हर नंबर के अनुसार अंक ज्योतिष में मूलांक होते हैं और राशियों की तरह ही हर मूलांक का संबंध भी किसी न किसी ग्रह से होता है। किसी व्यक्ति के जन्म की तारीख को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, उसे ही आपका मूंलाक कहा जाएगा। वहीं, जब आप अपनी जन्म तिथि, महीने और वर्ष को इकाई अंक तक जोड़ें और तब जो संख्या आएगी, उसे भाग्यांक कहा जाएगा। उदाहरण के लिए 8, 17 और 26 को जन्में लोगों का मूलांक 8(8+0=1+7=2+6=8) होता है। अंकज्योतिष में मूलांक 8 को शनि का अंक माना गया है। शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए मूलांक 8 वालों को कुछ विशेष रत्नों को धारण करना चाहिए। मान्यता है कि इस रत्न को पहनने से मूलांक 8 वालों पर शनिदेव की विशेष कृपा होगी और जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है।
मूलांक 8 वालों का स्वभाव : अंक शास्त्र के अनुसार, मूलांक 8 के अक्सर जीवन में अपनी प्राथमिकताओं को लेकर कनफ्यूज रहते हैं, लेकिन कड़ी मेहनत से घबराते नहीं हैं। मूलांक 8 वालों को व्यापार में बहुत लाभ होता है। कई बार सफलता नहीं मिलने पर यह निराश हो जाते हैं, लेकिन कार्यों की चुनौतियों को स्वीकार करने में घबराते नहीं हैं।
प्रोफेशनल लाइफ : मूलांक 8 के जातक स्वभाव से बहुत महत्वकांक्षी होते हैं। इन्हें अनुशासन में रहना बहुत पंसद होता है। इसलिए जीवन के हर क्षेत्र में इन्हें अपार सफलता हासिल होती हैं। कार्यों की जिम्मेदारियों से कभी परेशान नहीं होते हैं। इनकी लीडरशिप स्किल भी बहुत अच्छी होती है। व्यापार से जुड़े फैसले बड़ी होशियारी से लेते हैं और आर्थिक मामलों में भी बहुत समझदार हो