सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार, हाथ के अलावा उंगलियों की बनावट, पैरों का आकार और माथे की लकीरें भी व्यक्ति के भविष्य से जुड़ी कई विशेष बातों के बारे में संकेत देती हैं। माथे की लकीरों के मदद से किसी भी व्यक्ति के भविष्य में होने वाली शुभ-अशुभ घटनाओं, आर्थिक स्थिति और स्वभाव के बारे में पता लगाया जा सकता है। मान्यता है कि माथे की कुछ रेखाएं व्यक्ति के सुख-सौभाग्य का प्रतीक होती हैं। आइए जानते हैंम माथे की लकीरों से जुड़े कुछ खास बातों के बारे में…
माथे की पहली लकीर : मान्यता है कि माथे की पहली लकीर व्यक्ति के जीवन में धन-दौलत का प्रतीक मानी जाती है। माथे की पहली लकीर जितनी स्पष्ट और गहरी होगी, ऐसे लोग उतना ही धनी होंगे। वहीं, जिन लोगों की यह लकीर स्पष्ट नहीं होती हैं, उन्हें जीवन में आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
माथे की दूसरी लकीर : माथे की दूसरी लकीर अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक मानी जाती है। मान्यता है कि दूसरी लकीर जितनी साफ और स्पष्ट होती है, व्यक्ति का स्वास्थ्य उतना ही अच्छा रहता है। वहीं, अगर ये लकीर पतली और अस्पष्ट दिखाई देती हैं, तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
माथे की तीसरी लकीर : मान्यता है कि भाग्यशाली लोगों के माथे पर तीसरी लकीर पाई जाती है। यह रेखा बहुत कम लोगों के माथे पर होती है।
माथे की चौथी लकीर : कहा जाता है कि जिन व्यक्ति के माथे पर चौथी लकीर होती है, ऐसे लोगों को 26 से 40 वर्ष के बीच कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, लेकिन 40 वर्ष के बाद इन्हें जीवन में खूब सफलता मिलती है।
माथे की पांचवी लकीर : माथे की पांचवी लकीर को शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता है कि ऐसे लोगों को जीवन मुश्किलों से घिरा होता है। मन चिंतित रहता है।
माथे की छठी लकीर : माथे की छठी लकीर को दैवीय लकीर कहा जाता है। यह नाक की सीधी तरफ उपर की ओर जाती है। मान्यता है कि जिस व्यक्ति की माथे पर छठी लकीर होती हैं और ऐसे लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में अपार सफलता मिलती है।