गिरिडीह जिला का एक मात्र वैष्णवी माँ दुर्गा की पूजा शिव दुर्गा न्यास डोरंडा में आयोजित की जाती है। जिसकी भव्य आयोजन को लेकर तैयारी प्रत्येक वर्ष एक माह से की जाती है। पिछले दो वर्षों से कोरोना काल में मेला का आयोजन नही हो पाया था। इस बार मेला को भव्य बनाने के लिए समिति के लोगो जोरों से लगी हुई है।
विदित हो कि यह पूजा गिरिडीह जिला अंतर्गत धनवार प्रखंड के डोरंडा में शारदीय नवरात्र बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। यह पूजा वर्ष 2014 में यहां के स्थानीय लोगों द्वारा शुरुआत किया गया था।
और तभी एक वैष्णवी दुर्गा मंदिर का भव्य निर्माण कर शारदीय व बासंतीय दोनों पूजा वैष्णव तरीके से मनाते आ रहे हैं। मात्र 9 वर्षों में आकर्षक मेला को लेकर इस पूरे क्षेत्र में प्रसिद्धि प्राप्त कर चुकी है। दुर दुर से लोग यहां मेला का आनंद उठाने आते हैं। पर दो साल से कोरोना काल में मेला का आयोजन नहीं हो पाया था।
इस बार चार दिनों तक लगने वाले मेला को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है यहां की माँ दुर्गा की प्रतिमा काफी चर्चित है। पिछले8 वर्षों से लगातार एक ही मूर्तिकार दीपू दा द्वारा हर वर्ष अलग-अलग तरीके से आकर्षक मूर्ति बनाते आ रहे हैं जो आकर्षक का केंद्र बना रहता है। इस साल नाव पर सवार मां दुर्गा की प्रतिमा बहुत सुंदर ढंग से बनाया गया है, जो भव्य व आकर्षक लग रहा है।
इस बार माता रानी का डाक मिथलेश सिंह पिता महावीर सिंह (जो गावां मोड़ निवासी है) ने दिया है। मेले की शोभा बढाने के लिए टावर झूला, ब्रेक डांस, ड्रैगन ट्रेन, मीना बाजार, मिकी माऊस, बडा नाव, एवं बच्चों के लिए छोटे छोटे झूले मेला की खुबसूरती में चार चांद लगाने आ रहे हैं। वहीं एकादशी दिनांक 06 अक्टूबर को भव्य भक्ति जागरण का कार्यक्रम रखा गया है।
जिसमें बंगाल के कलाकारों द्वारा बेहतरीन झांकी की प्रस्तुति देखने को मिलेगी। वहीं नवरात्रा शुरू होते ही प्रोहितों के मंत्रोचारण से पुरा क्षेत्र भक्तिमय हो चुका है। यूं तो यहां माता रानी की आरती हर रोज होती है पर नवरात्रा में 9 दिनों तक लगातार महाआरती की जाती है और महा प्रसाद का वितरण किया जाता है। सैकड़ों श्रद्धालु महाआरती में भाग लेते हैं और महा प्रसाद ग्रहण करते हैं। इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में पूजा समिति और न्यास पूरा जोर शोर से लगे हुए हैं।