नरक चतुर्दशी के दिन ही छोटी दिवाली और रूप चतुर्दशी भी मनाई जाएगी। नरक चतुर्दशी पर अभ्यंग स्नान का विशेष महत्व है। माना जाता है कि इससे व्यक्ति पर यमराज जी की कृपा बनी रहती है। अभ्यंग स्नान हमेशा चंद्रोदय के दौरान लेकिन सूर्योदय से पहले किया जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त और विधि।प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार जब चतुर्दशी तिथि सूर्योदय से पहले प्रबल होती है और अमावस्या तिथि सूर्यास्त के बाद प्रबल होती है तो नरक चतुर्दशी और लक्ष्मी पूजा एक ही दिन की जाती है। इस साल नरक चतुर्दशी आज यानी 11 नवंबर, शनिवार के दिन मनाई जाएगी।
अभ्यंग स्नान शुभ मुहूर्त
कार्तिक माह की चतुर्दशी तिथि 11 नवम्बर शाम 01 बजकर 57 मिनट पर शुरु हो रही है। साथ ही इसका समापन 12 नवम्बर दोपहर 02 बजकर 44 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अभ्यंग स्नान का शुभ मुहूर्त 12 नंवबर के दिन सुबह 05 बजकर 28 मिनट से 06 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। साथ ही इस दिन चन्द्रोदय सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर होगा।
अभ्यंग स्नान की विधि
नरक चतुर्दशी के दिन सूर्यादय से पहले उठकर शरीर की तिल के तेल से मालिश करें। इसके बाद कुछ समय के लिए ध्यान अवस्था में बैठ जाएं। इसके बाद शरीर पर उबटन लगाएं। यह उबटन हल्दी, चंदन का पाउडर, तिल का पाउडर, दही मिलाकर बनाया जाता है। उबटन को अच्छी तरह शरीर पर मलने के बाद आप हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें।