बिहार में लोक आस्था के महापर्व छठ की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. छठ में सुरक्षा और शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए शासन-प्रशासन अलर्ट मोड पर है. पटना में छठ की तैयारियों को लेकर बैठकों का दौर जारी है. प्रशासन की ओर से मंगलवार (31 अक्टूबर) को 21 टीम का गठन किया गया है. ये टीम अपने-अपने बांटे गए क्षेत्र में घाटों का मुआयना करेगी और वस्तु स्थिति देखकर वरीय अधिकारियों को अवगत कराएगी. पटना प्रमंडल आयुक्त कुमार रवि ने पुलिस, नगर निगम और अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ गंगा घाटों का पैदल निरीक्षण किया.
आयुक्त रवि ने शिवा घाट से लेकर कलेक्ट्रेट घाट तक सभी छोटे-बड़े सभी घाटों का एक-एक कर निरीक्षण किया. इस दौरान उन्हें जो भी कमी नजर आईं, उन्हें दूर करने का दिशा-निर्देश दिया. उन्होंने अधिकारियों को गुणवत्तापूर्ण ढंग से समय पर कार्य संपन्न करने का निर्देश दिया. इस निरीक्षण के बाद दीघा से दीदारगंज तक लगभग 108 घाट चिह्नित किए गए हैं. साथ ही पटना के चार घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है. पहले नंबर पर मीनार घाट है जहां स्लोपिंग खड़ा है और गहराई ज्यादा है
. दूसरे नंबर पर एलसीटी घाट है. यहां गहराई 10 फीट से अधिक है. राजापुर पुल घाट की गहराई भी 10 फीट से अधिक है. चौथे नंबर पर पहलवान घाट है. यहां भी 10 फीट से अधिक गहराई है. इस कारण जिला प्रशासन की ओर से इन घाटों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. खतरनाक घाटों को लाल रंग के कपड़े से घेरने का आदेश दिया गया ताकि श्रद्धालु उधर न जाएं. सभी घाटों पर बड़े-बड़े अक्षरों में घाटों का नाम और वॉच टावरों तथा अन्य सुरक्षात्मक संरचनाओं की नम्बरिंग करने का निर्देश दिया गया है
बैठक में जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता ने आयुक्त को जानकारी दी कि विगत वर्ष की तुलना में इस वर्ष गंगा नदी में पानी का स्तर कम है. छठ व्रतियों की सुरक्षा के लिए घाटों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे. इसके अलावा पुरूष एवं महिला के लिए अलग-अलग शौचालय, स्वच्छ पेयजल, चेंजिंग रूम, व्रतियों के ठहरने हेतु शेड, घाटों के बाहर वाहन पार्किंग की सुविधा रहेगी.