35 साल के बाद महिलाओं को हर साल जेनेटिक स्क्रीनिंग और मेडिकल टेस्ट करवाने चाहिए ताकि ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी का समय रहते पता चल सके व्यक्ति की उम्र बढ़ने के साथ साथ उसके शरीर की जटिलताएं बढ़ती जाती है. जैसे जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर कमजोर होता है और कई तरह की बीमारियों का खतरा मंडराने लगता है. महिलाओं को खासतौर पर 35 साल की उम्र के बाद अपनी सेहत को लेकर सजग हो जाना चाहिए क्योंकि इस एज के बाद उनके शरीर में कैंसर और दूसरी कई गंभीर बीमारियों के खतरे पनप सकते हैं. इसलिए हेल्थ एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि 35 साल की उम्र के बाद हर महिला को कुछ खास मेडिकल टेस्ट जरूर करवाने चाहिए ताकि किसी तरह की गंभीर बीमारी के बारे में समय पर पता चल सके और उसका इलाज संभव हो सके. चलिए जानते हैं कि ऐसे कौन से टेस्ट हैं जो 35 साल के बाद महिलाओं को करवा लेने चाहिए.
जैनेटिक स्क्रीनिंग: ये एक ऐसा मेडिकल टेस्ट है जिसमें महिला को किसी तरह की आनुवांशिक बीमारी के संकेत और जोखिम को पहचाना जा सकता है. इस टेस्ट के जरिए पता लगाया जा सकता है कि परिवार में अगर किसी को कोई बीमारी रही है और वो कहीं महिला को तो नहीं घेर लेगी. इस टेस्ट के जरिए महिलाएं कई गंभीर आनुवांशिक बीमारियों से अपना बचाव कर सकती हैं. आनुवांशिक परीक्षणों में महिलाओं को होने वाले किसी भी तरह के कैंसर का भी पता चल सकता है.
सर्वाइकल कैंसर: 35 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर संबंधी स्क्रीनिंग भी करवानी जरूरी मानी जाती है. इस स्क्रीनिंग में सर्वाइकल कैंसर की जांच की जाती है और इसके साथ साथ एचपीपी जिनोटाइपिंग टेस्ट भी किया जाता है. आपको बता दें कि दुनिया भर में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले तेजी से बढ़े हैं और भारत में ये मामले काफी तेजी से पैर पसारते नजर आ रहे हैं.
ब्रेस्ट कैंसर: स्तन कैंसर की आशंका को दूर करने के लिए 35 साल के बाद बीआरसीए जीन उत्परिवर्तन टेस्ट भी जरूरी कहा जाता है. स्तन कैंसर का जल्दी पता लगाने के लिए आनुवांशिक जांच परीक्षण में बीसीआरए जीन का टेस्ट करवाना चाहिए.